भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी : अनुप्रयोग, महत्व एवं चुनौतियां- (डॉ. अमरजीत भार्गव)

21वीं सदी में उपग्रह तथा इंटरनेट आधारित प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोगों में वृद्धि होने के कारण भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के महत्व में अत्यधिक वृद्धि हुई है। देश में भू-स्थानिक डेटा के उपयोग की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए भौगोलिक क्षेत्रों के सर्वेक्षण एवं उनके मानचित्रण की सटीकता में वृद्धि किए जाने की आवश्यकता है। इस प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देकर कृषि कार्यों से लेकर घरेलू उद्योगों एवं अवसंरचनात्मक परियोजनाओं की गति को तीव्र किया जा सकेगा। यह प्रौद्योगिकी भारत में चलाई जाने वाली ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी योजनाओं के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

फरवरी 2022 में ....

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