वैश्विक दक्षिण: भारत की नेतृत्वकारी भूमिका

आज की बहुध्रुवीय दुनिया में, वैश्विक दक्षिण, विकासशील देशों का एक समूह, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। इस बदलाव में, भारत एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में उभर रहा है।

  • भारत का गुट-निरपेक्ष आंदोलन (NAM) के संस्थापक सदस्यों में से एक होने का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है, जो शीत युद्ध के दौरान गुटनिरपेक्षता की नीति को बढ़ावा देता था।
    • स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के देशों के साथ मजबूत संबंध विकसित किए हैं। यह दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने और विकासशील देशों के बीच ज्ञान और अनुभवों को साझा करने में सक्रिय ....
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