सामान्य अध्ययन 100 महत्वपूर्ण विषय - नैतिक विचारक एवं दार्शनिकों का योगदान (जीएस पेपर-4)

भगवान महावीर की शिक्षाएं: वर्तमान में प्रासंगिकता

महावीर, जिन्हें वर्धमान (Vardhamana) के नाम से भी जाना जाता है, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। महावीर ने लगभग 30 वर्ष की आयु में तपस्वी बन गए। महावीर ने सम्यक ज्ञान, सम्यक विश्वास और सम्यक आचरण (जैन धर्म के त्रि-रत्न) के माध्यम से कैवल्य (ज्ञान) की प्राप्ति की।

  • सत्य (सच बोलना), अहिंसा (हिंसा न करना), अस्तेय (चोरी न करना), अपरिग्रह (धन का संग्रह न करना) और ब्रह्मचर्य (इंद्रिय निग्रह करना) की शिक्षा जन सामान्य को प्रदान की। इनके द्वारा प्रदान की गई शिक्षाएं आज समाज के विभिन्न समस्याओं के समाधान प्रस्तुत करते ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

मुख्य विशेष