वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना
21 जून, 2022 को असम ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना’ को लागू करने वाला 36वां राज्य बन गया है। इसके साथ ही देश भर में खाद्य सुरक्षा को पोर्टेबल बनाने वाले सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना’ को सफलतापूर्वक लागू किया गया है।
एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना
- इसे अगस्त 2019 में गरीब प्रवासी कामगारों को देश के किसी भी सरकारी राशन की दुकान से रियायती दर पर चावल और गेहूं खरीदने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
- इस योजना का उद्देश्य प्रवासी कामगारों और उनके परिवार के सदस्यों को देश में कहीं भी अपनी पसंद की किसी भी उचित मूल्य की दुकान से अपने हकदार सब्सिडी वाले खाद्यान्न को निर्बाध रूप से प्राप्त करने में सक्षम बनाना है।
- इस योजना को और अधिक निर्बाध और तेज बनाने के लिए मेरा राशन मोबाइल एप्लिकेशन शुरू किया गया था।
- यह मोबाइल ऐप लाभार्थियों को उपयोगी रीयल टाइम जानकारी प्रदान कर रहा है जो 13 भाषाओं में उपलब्ध है।
- वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत राष्ट्रीय/ अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी के तहत राशन की दुकानों से जून 2020 से अनाज मिलना शुरू हो गया है।
- इसके माध्यम से नकली राशन कार्ड धारकों की पहचान कर नकली कार्डों को समाप्त करना है।
- इस योजना के सबसे बड़े लाभार्थी वे होंगे, जो बेहतर रोजगार की तलाश में एक राज्य से दूसरे राज्यों में जाकर नौकरी करते हैं।
- रिसाव को रोकने और सब्सिडी सही व्यय को सुनिश्चित करेगा।
- इसके माध्यम से देश भर के 81 करोड़ लाभार्थियों लाभान्वित होंगे।
- इसका उद्देश्य विभिन्न राज्यों से लाभ उठाने के लिए एक से अधिक राशन कार्ड रखने वाले किसी भी व्यक्ति की संभावना को दूर करना है।