दुर्लभ खनिज क्षेत्र में भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग
जुलाई 2022 में एक साझेदारी के तहत भारत तथा ऑस्ट्रेलिया ने निर्णय लिया है कि वे दुर्लभ खनिजों से संबंधित परियोजनाओं तथा आपूर्ति श्रृंखलाओं (Projects and supply chains) को मजबूत बनाने के लिए सहयोग में वृद्धि करेंगे।
- आधुनिक समय में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी को आधार प्रदान करने वाले खनिजों को दुर्लभ खनिज के रूप में जाना जाता है। इन खनिजों में ग्रेफाइट, लिथियम तथा कोबाल्ट (Graphite, Lithium and Cobalt) जैसे तत्व शामिल हैं।
- इन खनिजों का उपयोग व्यापक रूप से मोबाइल फोन, कंप्यूटर, कंप्यूटर चिप्स, इलेक्ट्रिक वाहन, इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी, हरित प्रौद्योगिकी (सौर पैनल एवं पवन टरबाइन), एयरोस्पेस संचार एवं रक्षा उद्योग (लड़ाकू जेट, ड्रोन तथा रेडियो उपकरण) आदि में किया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय संबंध
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