मुक्त व्यापार समझौता क्या है?
मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का तात्पर्य दो या दो से अधिक देशों के बीच एक ट्रेड ब्लॉक के निर्माण के लिए मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किया जाना है। इसके बाद यह एक मुक्त व्यापार क्षेत्र (free-trade area) बन जाता है। इस क्षेत्र में आयात और निर्यात पर किसी तरह का कोई प्रतिबन्ध, आयात कोटा या प्रशुल्क नहीं लगाया जाता।
- FTA में वस्तुओं की कीमतें निर्धारित करने में मांग और पूर्ति का नियम लागू होता है। इससे एक तो किसी एक देश का अपने बाजार से एकाधिकार (Monopoly) समाप्त हो जाता है।
- विश्व के अधिकांश देश विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्य हैं, पर इसकी प्रभावशीलता में कमी आने से व्यापार में उन्हीं कारणों से बाधाएं आ रही हैं, जिसके निहितार्थ के लिए इसका गठन किया गया था। ऐसे में बहुपक्षीय व्यापार संधि के बजाय द्विपक्षीय संधियों का चलन बढ़ा है।
- भारत को भी अपने व्यापारिक हित को ध्यान में रखते हुए किसी भी तरह की संधि में शामिल होना चाहिए। ज्ञात हो कि FTA की अवधारणा सबसे पहले वर्ष 1776 में एडम स्मिथ की पुस्तक 'The Wealth of Nations' में सामने आई थी।
अंतरराष्ट्रीय संबंध
- 1 वन लाइनर समसामयिकी
- 2 INSTC के माध्यम से रुसी जहाज का भारत आगमन
- 3 न्यू स्टार्ट
- 4 स्टार्ट संधि तथा रूस
- 5 भारत और ईरान ने नाविक यात्राओं पर किया समझौता
- 6 भारत-यूनाइटेड किंगडम FTA वार्ता
- 7 मैपिंग एंड एक्सचेंज ऑफ़ गुड प्रैक्टिस पहल
- 8 दुर्लभ खनिज क्षेत्र में भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग
- 9 भारत-मोजाम्बिक के बीच समझौता
- 10 असुनसियन में महात्मा गांधी की एक अर्ध-प्रतिमा
- 11 आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक
- 12 भारत एवं पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह
- 13 शांति आयोग का प्रस्ताव
- 14 भारत-मॉरीशस उच्चाधिकार प्राप्त संयुक्त व्यापार समिति
- 15 ऑस्ट्रेलिया भारत शिक्षा परिषद की छठी बैठक