येलो बैंड डिजीज से प्रवालों को नुकसान
थाईलैंड में तेजी से फैलने वाली बीमारी, जिसे आमतौर पर येलो बैंड डिजीज के कारण समुद्र तल के विशाल हिस्सों में प्रवाल को नष्ट कर रही है। जलवायु परिवर्तन के कारण ओवरफिशिंग, प्रदूषण और पानी का बढ़ता तापमान, चट्टानों को येलो बैंड डिजीज के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकते हैं।
प्रवाल पर पड़ने वाले प्रभावः प्रवाल को नष्ट करने से पहले येलो बैंड डिजीज इसे जिस रंग में बदल देता है, उसी के नाम पर इसे नामित किया गया है। इस बीमारी के कारण कैरिबियन में चट्टानों पहले नुकसान पहुँच चूका है
- येलो बैंड रोग पर्यावरणीय तनावों के संयोजन के कारण होता है, जिसमें पानी के तापमान, प्रदूषण और अवसादन में वृद्धि के साथ-साथ अधिक विस्तार के लिये अन्य जीवों से बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा शामिल है।
- YBD एक जीवाणु जनित रोग है। यह प्रवालों के सहजीवी संबंधों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इससे उनकी मृत्यु हो जाती है। यह रोग प्रवालों को पूरी तरह से नष्ट करने से पहले उनका रंग पीला कर देता है। शोधकर्ताओं के अनुसार अत्यधिक मत्स्यन, समुद्र के जल के तापमान में वृद्धि, प्रदूषण आदि प्रवालों को इस रोग के प्रति अधिक सुभेद्य बना रहे है
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
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