यह अधिनियम देश के वन्यजीवों को सुरक्षा प्रदान करने एवं अवैध शिकार, तस्करी और अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किया गया था।
केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा समय-समय पर वन्य जीव की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए कई नियम तथा कानून पारित किए गए हैं। इनमें से महत्वपूर्ण हैं-
अनुसूची-3 और अनुसूची-4- इसके तहत भी वन्य जानवरों को संरक्षण प्रदान किया जाता है, लेकिन इस सूची में आने वाले जानवरों और पक्षियों के शिकार पर दंड बहुत कम है। अनुसूची-5 - इस सूची में उन जानवरों को शामिल किया गया है, जिनका शिकार हो सकता है। छठी अनुसूचीः इसमें दुलर्भ पौधों और पेडों पर खेती और रोपण पर रोक है। |
ग्लोबल टाइगर इनिशिएटिवः ग्लोबल टाइगर इनीशिएटिव (GTI) की शुरुआत वर्ष 2008 में की गई थी, जिसका उद्देश्य जंगली बाघों को विलुप्त होने से बचाना था। 2013 में स्नो लेपर्ड (Snow Leopards) को भी इस पहल में शामिल किया गया।
यूएनडीपी सागर कछुआ संरक्षण परियोजनाः यूएनडीपी द्वारा शुरू की गई इस परियोजना का उद्देश्य कछुओं की आबादी की घटती संख्या का उचित प्रबंधन और संरक्षण करना था।
साइट्सः साइट्स (या सीआईटीईएस) सरकारों के बीच एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जो यह सुनिश्चित करती है कि वन्य प्राणियों और पौधों के नमूनों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार से उन प्रजातियों के अस्तित्व पर कोई खतरा नहीं होगा।
मैन एंड बायोस्फीयर कार्यक्रमः मैन एंड बायोस्फीयर कार्यक्रम की शुरूआत यूनेस्को द्वारा 1971 में की गई।
रेड लिस्ट की विभिन्न श्रेणियां IUCN रेड लिस्ट में निम्नलिखित 9 श्रेणियां शामिल हैं-
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