अर्द्ध शुष्क बागवानी उत्कृष्टता केंद्र का शुभारंभ

22 जनवरी, 2023 को भारत में आए इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू विधानसभा क्षेत्र के गांव गिगनाऊ में अर्द्ध शुष्क बागवानी उत्कृष्टता केंद्र का शुभारंभ किया।

  • अर्द्ध शुष्क बागवानी उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना करने का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नए संसाधनों को विकसित करना है।
  • इस केंद्र से किसानों को उच्च गुणवत्ता की सब्जियों की पौध सस्ती दरों पर उपलब्ध होगी।

कृषि सहयोग कार्य योजना (2021-2023): भारत और इजरायल ने कृषि में सहयोग के लिए 24 मई, 2021 को तीन साल की कार्य योजना (2021-2023) समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत और इजरायल ने कृषि सहयोग बढ़ाने के लिये तीन वर्षीय कार्य योजना समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इसका उद्देश्य मौजूदा उत्कृष्टता केंद्रों को विकसित करना, नए केंद्र स्थापित करना, उत्कृष्टता केंद्रों की मूल्य श्रृंखला को बढ़ाना, उत्कृष्टता केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाना और निजी क्षेत्र की कंपनियों को सहयोग के लिये प्रोत्साहित करना है। भारत और इजरायल के बीच 1993 से कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध हैं। यह पांचवीं भारत-इजरायल कृषि कार्य योजना है।

  • उत्कृष्टता के गांव (Villages of Excellence): यह एक नई अवधारणा है, जिसका लक्ष्य आठ राज्यों में कृषि में एक आदर्श पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है, जिसमें 75 गांवों में 13 उत्कृष्टता केंद्र शामिल हैं। यह कार्यक्रम किसानों की शुद्ध आय में वृद्धि को बढ़ावा देगा और उनकी आजीविका को बेहतर करेगा, पारंपरिक खेतों को आईआईएपी मानकों के आधार पर आधुनिक-प्रगतिशील कृषि क्षेत्र में बदल देगा।
  • आर्थिक स्थिरता के साथ बड़े पैमाने पर और पूर्ण मूल्य श्रृंखला दृष्टिकोण, इजरायल की आधुनिक प्रौद्योगिकियों और कार्यप्रणाली के साथ अंतर्निहित स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप होगा। आईआईवीओई कार्यक्रम में: (1) आधुनिक कृषि अवसंरचना, (2) क्षमता निर्माण, (3) बाजार से जुड़ाव पर ध्यान दिया जाएगा।

रक्षा सम्बन्धः भारत, इजरायल से सैन्य उपकरणों का सबसे बड़ा खरीदार है, जो बदले में रूस के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्त्ता है। भारत इजरायल से फाल्कन ‘AWACS’ (एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम्स) और हेरॉन, सर्चर-प्प् व हारोप ड्रोन, बराक एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम एवं स्पाइडर क्विक-रिएक्शन एंटी-एयरक्राफ्रट मिसाइल प्रणाली हासिल किया है।

  • इसके साथ ही पायथन तथा डर्बी हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लेकर क्रिस्टल मेज (Crystal Maze) एवं स्पाइस-2000 बम (Spice-2000 Bombs) शामिल हैं।

जल प्रौद्योगिकी सहयोगः नवंबर 2016 में हस्ताक्षरित जल संसाधन प्रबंधन और विकास सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया था। भारत की कंपनियां और आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नियमित रूप से इजरायल में द्वि-वार्षिक कार्यक्रम ‘जल प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण नियंत्रण’ (WATEC) का दौरा करते हैं।

  • बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संबंधी मुद्दों के समाधान के लिये इजरायल और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच सहयोग की योजना पर अगस्त 2020 में हस्ताक्षर किये गए थे। वर्ष 2019 में भारत के जलशक्ति मंत्री की पहली इजरायल यात्र के साथ भारत-इजरायल जल सहयोग को और बढ़ावा मिला। यात्र के दौरान जल शक्ति मंत्री ने ‘भारत-इजरायल की जल पर रणनीतिक साझेदारी’ में भाग लिया था। इजरायल की कंपनी आई. डी. ई. ने भारत में कई विलवणीकरण संयंत्र स्थापित किये हैं।

औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास और तकनीकी नवाचार कोष (I4F): भारत-इजराइल औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास और तकनीकी नवाचार कोष (I4F), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार और इजराइल इनोवेशन अथॉरिटी, इजराइल सरकार के बीच एक सहयोग है। इसका उद्देश्य सहमति प्राप्त क्षेत्रें में चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत और इजराइल की कंपनियों के बीच संयुक्त औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देना, सुविधा प्रदान करना और समर्थन करना है। ग्लोबल इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी एलायंस (GITA) को भारत में I4F कार्यक्रम को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि इजराइल इनोवेशन अथॉरिटी इजराइल में कार्यान्वयन एजेंसी है।

डी-हाईफनेशन कूटनीतिः जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री मोदी इजराइल की यात्र पर गए, परंतु इस यात्र के दौरान वह फिलिस्तीन नहीं गए। यह कदम भारत की पूर्व में अपनाई गई नीति से विपरीत है, क्योंकि इससे पहले भारतीय राजनेता एक साथ दोनों पश्चिम एशियाई देशों का दौरा करते रहे हैं। भारत द्वारा इजराइल और फिलिस्तीन को लेकर अपनाई गई इस नीति को ‘डी-हाईफनेशन’ नाम दिया गया है। डी-हाईफनेशन की नीति, अमेरिका द्वारा भारत व पाकिस्तान के संदर्भ में अपनाई गई नीति से प्रभावित है।