राजनीतिक मुद्दे

नेपाल की आंतरिक राजनीति के कारण भी विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हुई हैं, क्योंकि राजनीतिक दलों द्वारा अपनी स्थिति को भारत-समर्थक से भारत-विरोधी में परिवर्तित किया गया है।

माओवादियों का मुद्दा

  • नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए नेपाल में माओवादियों को अपना प्रभाव बढ़ाने का अवसर प्राप्त हुआ है। वर्ष 1990 के बाद से नेपाल में माओवादी अत्यधिक प्रभावी हो गए। माओवादी जितने नेपाली लोकतंत्र के विरोधी थे, वह भारत के भी उतने विरोधी थे।
  • माओवादियों के द्वारा 2008 में राजनीति में प्रवेश तथा उनका चीन की ओर झुकाव भारत के लिए समस्या रहा है।
  • भारत का प्रयास रहा है कि नेपाली राजनीति में शामिल माओवादियों एवं उनकी पार्टी को भी वार्ता में शामिल किया जाए, जिससे भारतीय हितों की रक्षा की जा सके।

मधेशी समस्या

  • नेपाल में पहाड़ी और तराई क्षेत्रों के मध्य क्षेत्र को ही मधेशी तंत्र कहा गया, जो नेपाल के पहाड़ी और मैदानी भाग के बीच का भाग है। इस मधेशी क्षेत्र में नेपाल के 22 जिले सम्मिलित हैं, जिसके जनपद की सीमा भारत की सीमा के साथ मिलती है।
  • मधेशियों में भारतीय और नेपाली मधेशी है। नेपाल की जनसंख्या का लगभग 40 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा इस भाग में निवास करता है। नेपाल के कृषि उत्पादन का 65 प्रतिशत तथा नेपाल के कुल राजस्व का 70 प्रतिशत भाग इसी क्षेत्र से प्राप्त होता है।
  • मधेशी, मैथिली, भोजपुरी एवं हिन्दी भाषा बोलते हैं। इसलिए इनके सांस्कृतिक और वैवाहिक संबंध भारतीयों से हैं। वर्ष 1964 के नागरिकता अधिनियम के अनुसार मधेशियों को नागरिकता के सर्टिफिकेट से वंचित कर दिया गया, जिससे उन्हें नेपाल में भूमि खरीदने के अधिकार से वंचित होना पड़ा।
  • मधेशियों के अनुसार, मधेशी क्षेत्र का विकास नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र की तुलना में अत्यधिक कम हुआ है। भारत का दृष्टिकोण सदैव काठमांडू केन्द्रित होता है और भारत भी मधेशियों के हितों की उपेक्षा करता है। नेपाल सरकार मधेशियों को भारत समर्थक मानती है। माओवादियों ने आरोप लगाया कि मधेशियों को भारत उकसाता है।

नेपाली संविधान का निर्माण

  • नेपाल के नये संविधान के निर्माण की प्रक्रिया 2006 में शुरू हुई और सितम्बर, 2016 में पूरी हुई।
  • इस क्रम में जिन महत्वपूर्ण मसलों पर मतभेद उभरकर सामने आए, वे थे संघवाद, राज्यों की संख्या, चुनाव-पद्धति और राजनीतिक व्यवस्था। आरम्भ से ही भारत नृजातीय पहचान पर आधारित संघीय ढांचे, संसदीय व्यवस्था और धर्मनिरपेक्ष नेपाल के पक्ष में रहा है।