पश्चिम बंग खेत मजदूर समिति बनाम पश्चिम बंगाल राज्य एवं अन्य 1996 SCC (4) 37

सीईएससी लिमिटेड बनाम सुभाष चन्द्र बोस 1992 AIR 573: इस मामले में श्रमिकों के स्वास्थ्य के अधिकार के बारे में टिप्पणी करते हुए उच्चतम न्यायालय ने यह नोट किया था कि स्वास्थ्य के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा गारंटीकृत किया गया है, इसे न केवल सामाजिक न्याय का एक पहलू माना जाना चाहिए, बल्कि यह राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत के अलावा उन अंतरराष्ट्रीय कोवनेंट्स के अंतर्गत भी आता है, जिनपर भारत ने हस्ताक्षर किया है।

कंज्यूमर एजुकेशन एंड रिसर्च सेण्टर बनाम भारत संघ 1995 AIR 922: कंज्यूमर एजुकेशन एंड रिसर्च सेण्टर बनाम भारत संघ 1995 AIR 922 के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा यह माना गया था कि संविधान के अनुच्छेद 39 (सी), 41 और 43 को अनुच्छेद 21 के साथ पढ़े जाने पर यह साफ हो जाता है कि स्वास्थ्य और चिकित्सा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और व्यक्ति की गरिमा की रक्षा करने के साथ-साथ के साथ यह कामगार के जीवन को सार्थक और उद्देश्यपूर्ण बनाता है।

पश्चिम बंग खेत मजदूर समिति बनाम पश्चिम बंगाल राज्य एवं अन्य 1996 SCC (4) 37

पश्चिम बंग खेत मजदूर समिति बनाम पश्चिम बंगाल राज्य एवं अन्य 1996 SCC (4) 37 के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा यह साफ किया गया था कि इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि लोगों को पर्याप्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना राज्य का संवैधानिक दायित्व है।

इस उद्देश्य के लिए जो भी आवश्यक है उसे किया जाना चाहिए। अदालत ने इस मामले में यह साफ किया था कि एक गरीब व्यक्ति को मुफ्त स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने के संवैधानिक दायित्व के संदर्भ में, वित्तीय बाधाओं के कारण राज्य उस संबंध में अपने संवैधानिक दायित्व से बच नहीं सकता है।