राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एन-सी-पी-सी-आर)

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) तथा राज्य स्तर पर गठित इसके समरूप संगठन वैधानिक मानवाधिकार संस्थाएं हैं जो बाल अधिकार के संरक्षण के लिए आयोग अधिनियम, 2005 के अधीन गठित की गयी हैं।

  • आयोग का अधिदेश यह सुनिश्चित करना है कि समस्त विधियां, नीतियां, कार्यक्रम और प्रशासनिक तंत्र बाल अधिकारों के परिप्रेक्ष्य के अनुरूप हो जैसा िक भारत के संविधान और यू-एन-सी-आर- में भी निहित किया गया है।
  • एनसीपीसीआर के अनुसार 0 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चे समान और सहवर्ती महत्व के होते हैं और इसलिए वह इन अधिकारों का संरक्षण करने के लिए राज्य के दायित्व की निगरानी करने का प्रयास करता है।
  • बाल अधिकार संरक्षण आयोगों पर खासतौर से यह जवाबदेही सौंपी गयी है कि वे जे-जे-एक्ट ख्किशोर न्याय (देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 तथा पोक्सो एक्ट 2012 सहित बाल अधिकार से संबंधित समस्त कानूनों के क्रियान्वयन पर निगरानी रखें।

राष्ट्रीय महिला आयोग

राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन जनवरी 1992 में राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत एक सांविधिक निकाय के रूप में किया गया था।

उद्देश्यः महिलाओं की संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा को सुनिश्चित करना, उनके लिये विधायी सुझावों की सिफारिश करना, उनकी शिकायतों का निवारण करना तथा महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों में सरकार को सलाह देना है।

  • भारत में महिलाओं की स्थिति पर बनी एक समिति ने इस आयोग के गठन से लगभग दो दशक पूर्व इसके गठन की सिफारिश की थी, ताकि इसके माध्यम से महिलाओं की शिकायतों का निवारण कर उनके सामाजिक व आर्थिक विकास को गति दी जा सके।