जस्टिस बी.एन. श्रीकृष्ण समिति

भारत को अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता का हब बनाने और वाणिज्यिक विवादों के शीघ्र निपटान हेतु रोडमैप तैयार करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा बी.एन. श्रीकृष्ण समिति गठित की गई। समिति ने निजता को मौलिक अधिकार मानते हुए लोगों के किसी भी संवेदनशील डेटा के इस्तेमाल से पहले स्पष्ट सहमति को अनिवार्य बनाने की सिफारिश की है।

समिति की महत्त्वपूर्ण सिफारिशें

  • इस समिति ने सिफारिश की है कि बीआईटी से संबंधित विवादों के जल्द निपटान के लिये एक अन्तः मंत्रिस्तरीय समिति (inter-ministerial committee-IMC) का गठन किया जाए, जिसमें वित्त, विदेश और कानून मंत्रालयों के अधिकारी शामिल हों।
  • सरकार को कानूनी विशेषज्ञता को बढ़ावा देने के लिये बाहर से बीआईटी मामलों के विशेषज्ञों की सेवाएं लेनी चाहिये। बिट विवादों से लड़ने के लिये एक विशेष निधि का निर्माण करना चाहिये।
  • भारत के बीआईटी दायित्वों एवं उनके निहितार्थ को बेहतर ढंग से समझने के लिये केंद्र और राज्य सरकारों की क्षमता बढ़ानी चाहिये।
  • इस समिति की सबसे महत्त्वपूर्ण सिफारिश अंतरराष्ट्रीय कानूनी विवादों पर सरकार को सलाह देने के लिये एक ‘अंतरराष्ट्रीय कानून सलाहकार’ (international law adviser-ILA) पद के गठन की सिफारिश करना है।