आतंकवाद के खिलाफ़ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, 2022

जनवरी, 2022 में वैश्विक आतंकवाद रोधी परिषद (Global Counter Terrorism Council- GCTC) द्वारा आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (International Counter Terrorism Conference) 2022 का आयोजन किया गया।

  • GCTC एक अंतरराष्ट्रीय थिंक-टैंक काउंसिल है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में लोगों की आतंकवाद के प्रति सुभेद्यता को कम करना, आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाना, उनका मुकाबला करना और आतंकवाद के लिये उकसाने एवं आतंकी गतिविधियों के लिये भर्ती करने वालों पर मुकदमा चलाना है।
  • इससे पूर्व वर्ष 2021 में आयोजित 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स आतंकवाद विरोधी कार्य योजना को अपनाया गया था।

नए रिलिजियोफोबिया (धार्मिक भय) का उदयः विशेष रूप से हिंदुओं, बौद्धों और सिखों के खिलाफ नए ‘धार्मिक भय’ का उभरना गंभीर चिंता का विषय है और ऐसे मुद्दों पर संतुलित चर्चा हेतु इसे क्रिश्चियनोफोबिया, इस्लामोफोबिया और यहूदी-विरोधी की तरह ही पहचानने की जरूरत है।

रिलिजियोफोबिया (Religiophobia): यह धर्म, धार्मिक विश्वासों, धार्मिक लोगों या धार्मिक संगठनों के प्रति विवेकहीन या आसक्तिपूर्ण भय या चिंता है।

आतंकवाद का वर्गीकरणः पिछले दो वर्षों में कई सदस्य राज्य आतंकवाद को नस्लीय और जातीय रूप से प्रेरित हिंसक उग्रवाद, हिंसक राष्ट्रवाद एवं दक्षिणपंथी उग्रवाद आदि जैसी श्रेणियों में वर्गीकृत करने का प्रयास करते रहे हैं।

  • इसे ‘खतरनाक’ प्रवृत्ति बताते हुए भारत ने कहा कि यह हाल ही में अपनाई गई वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीति में संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों द्वारा स्वीकार किये गए कुछ स्वीकृत सिद्धांतों के खिलाफ है।
  • वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीति में कहा गया है कि आतंकवाद के सभी रूपों एवं अभिव्यक्तियों की निंदा की जानी चाहिये और आतंकवाद के किसी भी कृत्य को उचित नहीं ठहराया जा सकता है।