न्यायपालिका हेतु बुनियादी सुविधा विकास योजना

अगस्त, 2021 में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘न्यायपालिका के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास की केंद्र प्रायोजित योजना’ (Centrally Sponsored Scheme for Development of Infrastructure Facilities for Judiciary) को 1 अप्रैल, 2021 से लेकर 31 मार्च 2026 तक और पांच वर्षों के लिए जारी रखने की मंजूरी दे दी।

  • इस पर आने वाली कुल 9,000 करोड़ रुपये की लागत में केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी 5,357 करोड़ रुपये की होगी। इसमें ग्राम न्यायालय योजना के लिए आवंटित 50 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है।

योजना की प्रमुख विशेषताएं

न्यायपालिका के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास की केंद्र प्रायोजित योजना’ वर्ष 1993-94 से संचालन में है।

  • केन्द्र सरकार इस योजना के जरिए सभी राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में न्यायिक अधिकारियों के लिए न्यायालय भवनों और आवासीय क्वार्टरों के निर्माण के लिए राज्य सरकारों के संसाधनों में वृद्धि कर रही है।
  • वर्तमान प्रस्ताव में वकीलों के लिए हॉल, शौचालय परिसरों और डिजिटल कंप्यूटर कक्षों के निर्माण जैसी अतिरिक्त गतिविधियों का प्रावधान है।

2021 से 2026 तक इस योजना का कार्यान्वयन

‘न्यायपालिका के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास की केंद्र प्रायोजित योजना’ के तहत 1 अप्रैल, 2021 से लेकर 31 मार्च, 2026 तक 5 वर्षों के लिए निम्नलिखित गतिविधियों का कार्यान्वयन किया जाएगाः

  • कुल 4500 करोड़ रुपये की लागत से सभी जिले और अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायिक अधिकारियों (Judicial Officers- JO) के लिए 3800 कोर्ट हॉल और 4000 आवासीय इकाइयों का निर्माण।
  • कुल 700 करोड़ रुपये की लागत से सभी जिले और अधीनस्थ न्यायालयों में वकीलों के लिए 1450 हॉल का निर्माण।
  • कुल 47 करोड़ रुपये की लागत से सभी जिले एवं अधीनस्थ न्यायालयों में 1450 शौचालय परिसरों का निर्माण।
  • कुल 60 करोड़ रुपये की लागत से जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में 3800 डिजिटल कम्प्यूटर कक्षों Digital Computer Rooms) का निर्माण।
  • कुल 50 करोड़ रुपये के व्यय के साथ इस योजना को लागू करने वाले राज्यों में ग्राम न्यायालयों का संचालन।

योजना से लाभ

यह योजना पूरे देश में जिला और अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायाधीशों व न्यायिक अधिकारियों के लिए सुसज्जित कोर्ट हॉल और आवासीय सुविधाओं की उपलब्धता में वृद्धि करेगी।

  • इस योजना के जरिए न्यायालयों को बेहतर सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं ताकि न्यायपालिका और वकीलों, दोनों के लिए सुविधाजनक स्थिति बन सके और आम आदमी के जीवन को आसान बनाया जा सके।
  • डिजिटल कंप्यूटर कक्ष की स्थापना से डिजिटल क्षमताओं में भी सुधार होगा और भारत के डिजिटल इंडिया दृष्टिकोण के एक अंग के रूप में डिजिटलीकरण की शुरुआत को बढ़ावा मिलेगा। इससे न्यायपालिका के समग्र कामकाज और प्रदर्शन में सुधार करने में मदद मिलेगी।
  • ग्राम न्यायालयों को दी जाने वाली निरंतर सहायता आम आदमी को उसके दरवाजे पर त्वरित, पर्याप्त और किफायती न्याय मुहैया कराने में भी प्रोत्साहन देगी।