सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021

जुलाई, 2021 में, सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 प्रवर्तन में आया। यह पूवर्ती सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा निर्देश) नियम 2011 को प्रतिस्थापित करेगा। ये नियम इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा तैयार किए गए हैं। केंद्र सरकार ने इन नियमों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 87 (2) केअंतर्गत निर्मित किया है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से संबंधित प्रमुख दिशा-निर्देशः आज्ञापक सम्यक् तत्परताः सोशल मीडिया मध्यस्थों सहित अन्य मध्यस्थों द्वारा पालन किया जाना। यदि मध्यस्थ द्वारा सम्यक् तत्परता का पालन नहीं किया जाता है, तो सुरक्षित संश्रय प्रावधान उन पर लागू नहीं होंगे।

  • आईटी अधिनियम 2000 की धारा 79 के अंतर्गत सुरक्षित संश्रय प्रावधानः यह कहता है कि किसी भी मध्यस्थ को किसी भी तीसरे पक्ष की सूचना, डेटा या संचार सम्पर्क उपलब्ध कराने या उसके प्लेटफॉर्म पर पोषण करने के लिए विधिक या अन्यथा उत्तरदायी नहीं ठहराया जाएगा।
  • अनिवार्य शिकायत निवारण तंत्रः उपयोगकर्ताओं या पीड़ितों से परिवाद प्राप्त करने और उनका समाधान करने के लिए मध्यस्थों द्वारा परिवाद निवारण अधिकारी (जीआरओ) की नियुक्ति की जाएगी।
  • उपयोगकर्ताओं (विशेषकर महिलाओं की) की ऑनलाइन सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करनाः मध्यस्थों को यौन सामग्री से संबंधित परिवादों की प्रति प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर अभिगम को हटाने या अक्षम करने का निर्देश दिया जाता है।

सोशल मीडिया मध्यस्थों का दो श्रेणियों में वर्गीकरणः नवाचारों को प्रोत्साहित करने एवं नवीन सोशल मीडिया मध्यस्थों के विकास को उनकी अनुपालन आवश्यकता को कम करके सक्षम बनाने हेतु।

  1. सोशल मीडिया मध्यस्थ और
  2. महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ
  • सरकार उपयोगकर्ता आधार की सीमा को अधिसूचित करने हेतु अधिकार प्राप्त है जो सोशल मीडिया मध्यस्थों और महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों के मध्य अंतर करेगा। महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों के लिए अतिरिक्त अनुपालन तंत्रः वे आज्ञापित हैं-