केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने भारत वन स्थिति रिपोर्ट-2021 जारी की है। यह भारत के वन और वृक्ष आवरण का आकलन है। इस रिपोर्ट को द्विवार्षिक रूप से ‘भारतीय वन सर्वेक्षण’ द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
क्षेत्र-वार वन आवरणः आईएसएफआर 2021 की रिपोर्ट है कि क्षेत्र-वार मध्य प्रदेश में देश का सर्वाधिक बृहद वन क्षेत्र है, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा एवं महाराष्ट्र हैं।
प्रतिशत-वार वनावरणः कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में वनावरण के मामले में शीर्ष पांच राज्य हैं- कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में वन आवरण के मामले में शीर्ष पांच राज्य मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर और नागालैंड हैं।
वन आवरण के अंतर्गत एक तिहाई से अधिक क्षेत्र वाले राज्य / केंद्र शासित प्रदेशः आईएसएफआर 2021 के निष्कर्ष के अनुसार 17 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में भौगोलिक क्षेत्र का 33 प्रतिशत से अधिक वनावरण के अंतर्गत है।
75% से अधिकः पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात लक्षद्वीप, मिजोरम, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश तथा मेघालय में 75 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र हैं।
33%-75% के मध्यः 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात् मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, गोवा, केरल, सिक्किम, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव, असम, ओडिशा में 33% से 75% के मध्य वन क्षेत्र है।-
मैंग्रोव आवरण में वृद्धिः भारत वन स्थिति रिपोर्ट (इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट) 2021 के अनुसार, 2019 के पिछले आकलन की तुलना में मैंग्रोव आवरण में 17 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि देखी गई है।
कुल कार्बन स्टॉकः भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2021 देश के कार्बन स्टॉक में 2019 के अंतिम आकलन की तुलना में 4 मिलियन टन की वृद्धि को दर्शाता है।
बांस वनः आईएसएफआर 2021 के अनुसार, 2019 में बांस के वन 13,882 मिलियन से बढ़कर 2021 में 53,336 मिलियन हो गए हैं।
वनों की आग की स्थितिः भारत की वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2021 के निष्कर्ष बताते हैं कि 46 प्रतिशत वन क्षेत्र में अग्नि प्रवण (आग लगने का खतरा) है। इसमें से 81% अत्यधिक प्रवण है, 7-85% बहुत अधिक प्रवण है एवं 11-51% अत्यधिक प्रवण है।
भारतीय वनों में जलवायु परिवर्तन हॉटस्पॉटः आईएसएफआर 2021 के अनुसार, लगभग 45-64% भारतीय वन 2030 तक जलवायु परिवर्तन एवं बढ़ते तापमान के नकारात्मक प्रभाव का अनुभव करेंगे।
ISFR 2021 की विशेषताएं
|