गिफ्ट सिटी

वर्तमान बजट में उपर्युक्त के साथ स्वच्छ पेयजल, बैंकिंग, ग्रामीण-शहरी विकास, तकनीकी क्षेत्र, स्वच्छ ऊर्जा, ब्लॉकचेन तकनीकी, सहकारी समितियों के विकास तथा बीमा क्षेत्र के संदर्भ में अनेक घोषणाएं की गई है।

सार्वजनिक पूंजीगत निवेश

  • 2022-23 में निजी निवेश और मांग को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक निवेश को जारी रखना।
  • वर्ष 2022-23 में पूंजीगत व्यय के लिए परिव्यय 35.4 प्रतिशत तेजी से बढ़कर 7.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचना, जो मौजूदा वर्ष में 5.54 लाख करोड़ रुपये था।
  • वर्ष 2022-23 में परिव्यय सकल घरेलू उत्पाद का 2.9 प्रतिशत रहेगा। केन्द्र सरकार का प्रभावी पूंजीगत व्यय 2022-23 में 10.68 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो जीडीपी का लगभग 4.1 प्रतिशत है।

गिफ्ट सिटी

  • जीआईएफटी शहर में विश्वस्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को अनुमति दी जाएगी।
  • अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रों के तहत विवादों के समय पर निपटान के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केन्द्र की स्थापना की जाएगी।

संसाधनों को जुटाना

  • डेटा केन्द्रों और ऊर्जा भंडार प्रणालियों को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिया जाएगा।
  • उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी ने पिछले साल 5.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया और एक सबसे बड़े स्टार्टअप और विकास इको-सिस्टम में सुविधा प्रदान की। इस निवेश को बढ़ाने के लिए उपाय किये जा रहे हैं।
  • सनराइज क्षेत्रों के लिए बलेंडिंड निधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • हरित बुनियादी ढांचे के लिए संसाधन जुटाने के लिए सॉवरिन ग्रीन बॉण्ड जारी किए जाएंगे1

राज्यों को वृहद राजकोषीय स्पेस उपलब्ध कराना

  • पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता की योजना के लिए अधिक परिव्यय।
  • यह परिव्यय बजट अनुमानों में 10 हजार करोड़ रुपये था, जो वर्तमान वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों में 15 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया। अर्थव्यवस्था में समग्र प्रोत्साहन के लिए राज्यों को सहायता के लिए वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये का आवंटन, 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करना, जो सामान्य ऋण के अतिरिक्त है।
  • 2022-23 में राज्यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत का वित्तीय घाटे की अनुमति होगी, जिसका 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र सुधारों में उपयोग किया जाएगा।

राजकोषीय प्रबंधन

  • बजट अनुमान 2021-22: 34.83 लाख करोड़ रुपये
  • संशोधित अनुमान 2021-22: 37.70 लाख करोड़ रुपये
  • वर्ष 2022-23 में कुल अनुमानित व्ययः 39.45 लाख करोड़ रुपये
  • वर्ष 2022-23 में उधारी के अलावा कुल प्राप्तियां: 22.84 लाख करोड़ रुपये
  • चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.9 प्रतिशत (बजट अनुमानों में 6.8 प्रतिशत की तुलना में)
  • वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 प्रतिशत अनुमानित।