मैत्री संधि

भारत द्वारा 1949 में नेपाल के साथ मैत्री संधि की गयी, इसके बाद भारत ने अपने हितों के संवर्धन हेतु कूटनीतिक प्रयास के माध्यम से नेपाल के साथ 1950 में मैत्री संधि कर ली।

इस संधि के पश्चात् भारत ने तिब्बत, नेपाल एवं भूटान के मध्य अवस्थित दर्राे पर सीमा चौकियां स्थापित की तथा इन चौकियों पर भारत एवं नेपाल के सैनिकों को संयुक्त रूप से नियुक्त किया जाने लगा। नेपाली सेना के प्रशिक्षण हेतु ‘सैनिक मिशन’ काठमांडू में स्थापित किया गया।

  • संधि के अनुसार दोनों देश एक-दूसरे की सुरक्षा की गारंटी लिए, एक-दूसरे के विरुद्ध विदेशी आक्रमण को सहन नहीं करेंगे, नेपाल अपनी युद्ध सामग्री भारत से खरीदेगा, यदि नेपाल युद्ध सामग्री किसी और देश से खरीदता है तो वह सामग्री भारत होकर जाएगी, किसी अन्य देश के कारण उत्पन्न समस्या पर एक-दूसरे से विचार-विमर्श करेंगे।
  • वर्ष 1950 की शांति एवं मित्रता की संधि को परिवर्तित करने के लिए नेपाल, भारत से लगातार आग्रह कर रहा है।
  • वर्तमान नेपाली राजनीतिक नेतृत्व इसे भारत की साम्राज्यवादी नीति की तरह देखते हैं।
  • भारत इस संधि में परिवर्तन का विरोधी नहीं है, किंतु वह चाहता है कि कोई भी परिवर्तन भारतीय हितोनुरूप होना चाहिए।