जुलाई, 2021 में नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने ‘‘विश्वास, स्वप्रमाणन एवं बिना किसी हस्तक्षेप के निगरानी’’ के आधार पर भारत में ड्रोन का आसानी से इस्तेमाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मसौदा नियम जारी किये हैं। नए नियम मार्च 2021 में अधिसूचित मौजूदा मानवरहित विमान प्रणाली (Unmanned Aircraft System- UAS) नियमों का स्थान लेंगे।
उद्देश्यः विभिन्न प्रकार अनुमोदन प्राप्त करने के लिये व्यवसाय के अनुकूल सिंगल-विंडो ऑनलाइन सिस्टम के रूप में ‘डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म’ का निर्माण करना।
प्रावधान
अनुमोदनः विशिष्ट प्राधिकार संख्या, विशिष्ट प्रोटोटाइप पहचान संख्या, अनुरूपता प्रमाणपत्र, रखरखाव प्रमाणपत्र, आयात क्लियरंस, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, संचालन परमिट, अनुसंधान एवं विकास संगठन का प्राधिकार, छात्र रिमोट पायलट लाइसेंस, रिपोट पायलट प्रशिक्षक प्राधिकार, ड्रोन पोर्ट प्राधिकार आदि संबंधी मंजूरी को रद्द करना।
डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्मः डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर हरे, पीले और लाल जोन के तौर पर वायुसीमा मानचित्र प्रदर्शित किया जायेगा।
हवाई अड्डे की परिधि में कमीः मसौदा नियम हवाई अड्डे की परिधि को 45 किमी. से घटाकर 12 किमी. करने का प्रावधान करते हैं।
पायलट लाइसेंसः गैर-व्यावसायिक उपयोग, नैनो ड्रोन और अनुसंधान एवं विकास संगठनों के माइक्रो ड्रोन के लिये किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।
ड्रोन कॉरिडोरः मंत्रालय कार्गो डिलीवरी के लिये ड्रोन कॉरिडोर के विकास की सुविधा भी देगा और व्यापार के अनुकूल नियामक व्यवस्था की सुविधा के लिये एक ड्रोन संवर्द्धन परिषद की स्थापना की जाएगी।
सुरक्षा विशेषताएँ: मसौदा नियम में रीयल-टाइम ट्रैकिंग और जियो-फेंसिंग जैसी सुरक्षा सुविधाओं का भी प्रावधान है, जिन्हें भविष्य में अधिसूचित किये जाने की आशा है और अनुपालन के लिये छह महीने का समय दिया जाएगा।
ड्रोन कवरेज में वृद्धिः ड्रोन कवरेज को 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है। इसमें ड्रोन टैक्सी भी शामिल हैं, जबकि उड़ान योग्यता प्रमाणपत्र जारी करने का काम भारतीय गुणवत्ता परिषद तथा इसके द्वारा अधिकृत प्रमाणन संस्थाओं को सौंपा गया है।