2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करते समय वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ (Azadi 'ka Amrit Mahotsav) मना रहा है और इसके साथ ही देश अब ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर गया है, जो भारत @100 (India@100) तक पहुंचने में 25 वर्षों की लंबी अवधि को दर्शाता है। सरकार निम्नलिखित विजन को साकार करने का लक्ष्य रखा है जो निम्नलिखित हैं-
अमृत काल का ढांचाः चार प्राथमिकताएँ:
अमृत काल के लक्ष्यः वृहद-अर्थव्यवस्था स्तर के विकास पर फोकस करने के साथ-साथ सूक्ष्म-अर्थव्यवस्था स्तर के समावेशी कल्याण पर फोकस करना।
निजी क्षेत्र को बढ़ावाः सरकार ने निजी क्षेत्र को प्रमुख भूमिका प्रदान करते हुए निवेश में सुगमकर्ता की भूमिका को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है तथा सरकारी पूंजीगत व्यय को चार क्षेत्रों - सड़क, रेलवे, संचार और रक्षा पर केंद्रित किया गया है।
प्रभावः पूंजीगत व्यय होने से निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी और दीर्घकालिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। यह पूंजी निर्माण कर, मांग को बढ़ावा प्रदान करेगा।
सरकार वैश्विक डिजिटल संक्रमण का हिस्सा बनने को तैयार है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रसद और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रभावः डिजिटल शिक्षा प्लेटफॉर्म, स्वास्थ्य रजिस्ट्री और दस्तावेजों की रजिस्ट्री जैसी पहल संभावित रूप से कई लोगों के जीवन में सार्थक बदलाव ला सकती है और भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को डिजिटल लाभांश से लाभावन्वित करेगा।
डिजिटल संपत्ति/मुद्राः युवाओं के लिए एक उच्च संभावित रोजगार अवसर के रूप में एनीमेशन, दृश्य प्रभाव, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) क्षेत्र की मान्यता, डिजिटल मुद्रा की शुरूआत और आभासी डिजिटल संपत्ति (वीडीए) जैसे क्रिप्टो-मुद्राओं और एनएफटी को वैध संपत्ति के रूप में मान्यता, नौकरशाही मानसिकता में बदलाव को प्रदर्शित करती है।
प्रभावः यह नई वैश्विक मांग के अनुरूप युवाओं को नए रोजगार का विकल्प प्रदान करेगा तथा क्रिप्टो कैरेंसी की चुनौतियों का सामना किया जा सकेगा तथा आरबीआई द्वारा वैधानिक मुद्रा के रूप में डिजिटल करेंसी भारत में पूंजी की समस्या को दूर करने में सहायक हो सकेगी।
बजट 2022-23: महत्वपूर्ण संकेत
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