रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआडीओ) का गठन 1958 में पहले से ही कार्यरत भारतीय सेना के प्रौद्योगिकी विकास अधिष्ठान (टीडीई) और रक्षा विज्ञान संस्थान (डीएसओ) के साथ प्रौद्योगिकी विकास और उत्पादन निदेशालय (डीटीडीपी) के एकीकरण से किया गया था।
उस समय डीआरडीओ 10 प्रतिष्ठानों/प्रयोगशालाओं वाला एक छोटा संगठन था।
आज डीआरडीओ 50 से अधिक प्रयोगशालाओं का समूह है, जो भिन्न प्रकार के क्षेत्रों जैसे वैमानिकी, आयुध, इलेक्ट्रॉनिक्स, युद्धक वाहन, इंजीनियरिंग प्रणाली उपकरण, मिसाइल, उन्नत कंप्यूटिंग और सिमुलेशन, विशेष सामग्री, नौसेना प्रणालियों, जीवन विज्ञान, प्रशिक्षण, सूचना प्रणालियों और कृषि को सुरक्षा देने वाली रक्षा प्रौद्योगिकियों का विकास करने में लगे हैं।