1990 में शीत युद्ध की समाप्ति ने अमेरिका को अकेली महाशक्ति बना दिया। इस वास्तविकता से भारत-अमेरिकी संबंधों का नए प्रकार से मूल्यांकन किया जाने लगा तथा भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध एक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के रूप में विकसित हुए हैं जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और द्विपक्षीय क्षेत्रीय तथा वैश्विक हितों के बढ़ते अभिसरण पर आधारित है।
इसी का परिणाम है कि वर्ष 2015 में दोनों देशों ने दिल्ली डिक्लेरेशन ऑफ फ्रेंडशिप की घोषणा की और जॉइंट स्ट्रेटेजिक विजन फॉर एशिया-पैसिफिक एंड इंडियन ओसियन रीजन को अपनाया गया था।
असैन्य-परमाणु सौदाः द्विपक्षीय असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर अक्टूबर 2008 में हस्ताक्षर किये गए थे।
ऊर्जा और जलवायु परिवर्तनः पार्टनरशिप टू एडवांस क्लीन एनर्जी के तहत एक प्राथमिकता पहल के रूप में अमेरिकी ऊर्जा विभाग (DOE) और भारत सरकार ने संयुक्त स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान एवं विकास केंद्र (JCERDC) की स्थापना की है, जिसे भारत तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिकों द्वारा स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों को बढ़ावा देने हेतु डिजाइन किया गया है। साथ ही लीडर्स क्लाइमेट समिट 2021 में ‘भारत-अमेरिका स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 ‘पार्टनरशिप’ की शुरुआत की गई।
रक्षा समझौतेः भारत और अमेरिका ने पिछले कुछ वर्षों में महत्त्वपूर्ण रक्षा समझौते किये तथा क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया) के चार देशों के गठबंधन को भी औपचारिक रूप दिया। इस गठबंधन को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के लिये एक महत्त्वपूर्ण प्रतिकार के रूप में देखा जा रहा है।
भारत और अमेरिका के बीच चार मूलभूत रक्षा समझौते हैं:
व्यापारः अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है तथा भारत की वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात के लिये एक प्रमुख गंतव्य है। अमेरिका ने 2020-21 के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के दूसरे सबसे बड़े स्रोत के रूप में मॉरीशस को पीछे छोड़ दिया। पिछली अमेरिकी सरकार ने भारत की विशेष व्यापार स्थिति (GSP निकासी) को समाप्त कर दिया और कई प्रतिबंध भी लगाए,
विज्ञान प्रौद्योगिकीः इसरो और नासा पृथ्वी अवलोकन के लिये एक संयुक्त माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग उपग्रह को स्थापित करने हेतु मिलकर काम कर रहे हैं, जिसका नाम NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) है।
भारतीय प्रवासीः अमेरिका में सभी क्षेत्रों में भारतीय प्रवासियों की उपस्थिति बढ़ रही है। उदाहरण के लिये अमेरिका की वर्तमान उपराष्ट्रपति (कमला हैरिस) का भारत से गहरा संबंध है।
चुनौतियाँ: दोनों देशों के मध्य कई ऐसे मुद्दे है जिनपर सहमति के अलग-अलग बिन्दु हैं जैसे अफगानिस्तान समस्या के मुद्दे पर भारत तालिबान की प्रत्यक्ष भूमिका के विपरीत स्थानीय लोकतांत्रिक सरकार और मूलभूत सुविधाओं (जैसे-शिक्षा,स्वास्थ्य) में सहयोग के माध्यम से शांति समाधान का समर्थन करता है।
ऑटोमेटिक वर्क ऑथराइजेशन परमिटः अमेरिका (America) एच-1बी वीजा धारकों (H-1B visa holders) की पत्नियों को ‘ऑटोमेटिक वर्क ऑथराइजेशन परमिट’ (Automatic work authorisation permits) देने के लिए राजी हो गया है।
मुख्य बिंदुः नवीनतम संशोधनों के अनुसार, एल-1 (स्-1) वीजा धारक पति या पत्नी को, जीवनसाथी की नौकरी के लिए अलग से आवेदन नहीं करना पड़ेगा।