भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों और पड़ोसी देशों से लगे राज्यों, विशेष रूप से उत्तर-पूर्वी राज्यों में सड़क नेटवर्क को विकसित करने और बनाए रखने के उद्देश्य से इसका गठन 1960 में किया गया था।
कार्य
शांति के दौरानः सीमा क्षेत्रों में ऑपरेशनल रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना और बनाए रखना।
युद्ध के दौरानः नियंत्रण रेखा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सड़कों का विकास और रख-रखाव करना।