जैव-आणविक तंत्र

आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने हाल ही में प्रोटीन समूहों के निर्माण के लिए जिम्मेदार एक महत्वपूर्ण जैव-आणविक तंत्र (Biomolecular Mechanism For The Formation of Protein Clusters) की खोज की है, जो अक्सर अल्जाइमर रोगियों में पाया जाता है।

इस शोध कार्य में इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज और अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा के शोधकर्ताओं ने सहयोग किया है।

मुख्य बिंदुः शोधकर्ताओं का कहना है कि कोशिका के भीतर लगभग हर प्रक्रिया के लिए प्रोटीन आवश्यक हैं।

लेकिन, प्रोटीन के कोशिकाओं के बीच खाली जगह में जमा होने (aggregate) या गलत मुड़ने (misfolding) के हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं।

  • अल्जाइमर रोग के दौरान तंत्रिका कोशिकाओं के बीच खाली जगह में एमाइलॉयड β42 (।β42) नामक गलत मुड़े पेप्टाइड्स (Peptides) एकत्र होने लगते है।
  • Aβ42 एक पेप्टाइड है, जो पूर्ण लंबाई वाले प्रोटीन एमाइलॉयड प्रीकर्सर प्रोटीन (amyloid precursor protein-APP) से प्राप्त होता है।
  • आमतौर पर प्रोटीन के एकत्र होने या गलत मुड़ने और इनके कोशिकाओं के चारों ओर जमा हो जाने से कोशिकाएं मृत हो जाती हैं, इस कारण कई बीमारियां पैदा हो जाती हैं।
  • ऐसी 50 से अधिक बीमारियां हैं, जिनका कारण प्रोटीन का एकत्र होना और/या गलत मुड़ना होता है।

एमाइलॉयड प्रीकर्सर प्रोटीन

  • एमाइलॉयड प्रीकर्सर प्रोटीन (Amyloid Precursor Protein- APP) एक अभिन्न झिल्ली प्रोटीन (integral membrane protein) है, जो कई ऊतकों में पाया जाता है और न्यूरॉन्स के सिनेप्स (synapses of neurons) में खास तौर पर इसका संकेंद्रण पाया जाता है।
  • यह एक कोशिका की सतह के रिसेप्टर के रूप में कार्य करता है तथा यह सिनेप्स गठन (synapse formation), तंत्रिका प्लास्टिसिटी (neural plasticity), रोगाणुरोधी गतिविधि (antimicrobial activity) आदि कार्यों के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे जीन एपीपी (gene APP) द्वाराकोडित किया जाता है और सब्सट्रेट प्रेजेंटेशन (substrate presentation) द्वारा नियंत्रित किया जाता है।