बीमा लोकपाल नियमावली में संशोधन

मार्च, 2021 को वित्त मंत्रालय के द्वारा जारी अधिसूचना के माध्यम से बीमा लोकपाल नियमावली 2017 में व्यापक संशोधनों को अधिसूचित किया गया है।

उद्देश्यः बीमा लोकपाल से सम्बद्ध तंत्र एवं इसकी कार्यविधि को बेहतर बनाना।

लाभः बीमा सेवाओं से संबंधित शिकायतों का समय पर, लागत प्रभावी और निष्पक्ष तरीके से समाधान उपलब्ध हो सकेगा।

बीमा लोकपाल

  • व्यक्तिगत पॉलिसीधारकों की शिकायतें, न्यायिक प्रणाली के बाहर लागत-कुशल, कार्यक्षमता तथा निष्पक्ष तरीके से निबटाने हेतु भारत सरकार द्वारा बीमा लोकपाल के पद का सृजन किया गया है।
  • विभिन्न क्षेत्रों में 17 बीमा लोकपाल हैं। एक शिकायतकर्ता बीमा कंपनी के कार्यालय के क्षेत्रनुसार संबंधित अधिकार-क्षेत्र वाले लोकपाल से संपर्क कर सकते हैं।
  • निम्नलिखित मामलों में लोकपाल के समक्ष शिकायत की जा सकती हैः
  • किसी बीमाकर्ता द्वारा दावों का आंशिक या पूर्ण अस्वीकरण;
  • चुकता प्रीमियम या पॉलिसी की शर्तों के अनुसार देय प्रीमियम के बारे में कोई विवाद;
  • दावों के संबंध में पॉलिसियों की विधिक संरचना को लेकर कोई विवाद; दावों के निपटान में विलम्ब;
  • प्रीमियम का भुगतान किए जाने के बावजूद किसी बीमा दस्तावेज का निर्गमन न किया जाना।

मुख्य बिंदुः बीमा कर्मचारियों, एजेंटों, ब्रोकरों और अन्य बिचौलियों को लोकपाल के दायरे में लाया गया है। इससे इनकी सेवा से संबंधित शिकायतों को लोकपाल के पास दर्ज किया जा सकेगा।

  • अब पॉलिसीधारक लोकपाल को अपनी शिकायतें इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने में सक्षम हो जाएंगे।
  • शिकायत प्रबंधन प्रणाली (Complaints Management System) का निर्माण किया जाएगा ताकि पॉलिसीधारक अपनी शिकायतों की स्थिति का ऑनलाइन पता लगा सकें।
  • वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकपाल द्वारा सुनवाई का प्रावधान किया गया है। लोकपाल का पद रिक्त होने पर, लोकपाल तंत्र (Ombudsman mechanism) के माध्यम से शिकायतकर्ता को राहत प्रदान की जाएगी। शिकायत को किसी अन्य लोकपाल को सौंपने का भी प्रावधान किया गया है।