भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग को खुला रखने के संबंध में नई रणनीति विकसित करने हेतु 2017 में क्वाड के गठन से को मूर्त रूप प्रदान किया था तथा इसके पश्चात ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका ने त्रिपक्षीय सुरक्षा समझौते के तहत ‘ऑकस के गठन की घोषणा की है।
समझौते के अहम् बिन्दु
यह गठबंधन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्पष्ट रूप से घोषित सैन्य गठबंधन है जो क्वाड की धारणा के विपरीत है।
चीन का दृष्टिकोणः चीन ने इस समझौते के प्रति चिंता व्यक्त की है। उसका मानना है कि इस प्रकार के समझौते उसे केंद्र में रखकर तथा उसके हितों को प्रभावित करने के लिये किये जा रहे हैं।
भारत का दृष्टिकोणः भारत के लिये फ्रांस एक सहयोगी मित्र तथा ऑस्ट्रेलिया एक महत्त्वपूर्ण भागीदार है। ऐसी स्थिति में भारत के लिये आवश्यक है कि वह संतुलित दृष्टिकोण अपनाए। संभवतः इसी कारण भारत ने समझौते के संदर्भ में अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
ऑकस गठबंधन की प्रमुख विशेषताएं:
क्वॉड |
ऑकस |
QUAD (अमेरिका, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया) एक मुक्त, खुले, पारदर्शी और समावेशी हिंद प्रशांत के दृष्टिकोण के साथ एक बहुपक्षीय समूह है। |
AUKUS (अमेरिका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया) तीन देशों के बीच का एक सुरक्षा गठबंधन है। |
यह मुख्य रूप से हिन्द महासागर क्षेत्र में चुनौतियों से निबटने का सामरिक गठबंधन है। |
यह हिंद प्रशांत क्षेत्र में चुनौतियों से निबटने का सामरिक गठबंधन है। |
क्वॉड बैठक COVID-19 महामारी, नई और उभरती प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन, बुनियादी ढांचे, समुद्री सुरक्षा, शिक्षा, मानवीय सहायता और आपदा राहत जैसे मुद्दों से निपटेगी |
जबकि AUKUS एक सुरक्षा गठबंधन है। |
भारत इसका सक्रिय सदस्य है। |
भारत इस गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। |
इस संवाद की शुरुआत 2007 में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति डिक चेनी, ऑस्ट्रेलियाई पीएम जॉन हॉवर्ड और भारतीय पीएम मनमोहन सिंह के साथ की थी। |
AUKUS संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन है। यह 15 सितंबर, 2021 को शुरू किया गया था। यह समझौता अमेरिका और ब्रिटेन को ऑस्ट्रेलिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों को विकसित करने और उन्हें प्रशांत क्षेत्र में तैनात करने में मदद करने की अनुमति देगा। |