इसे बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) कहा जाता है। जो एक बहुपक्षीय क्षेत्रीय संगठन है तथा यह क्षेत्रीय एकता का प्रतीक हैं। इस संगठन में बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती और समीपवर्ती क्षेत्र में स्थित देश सदस्य हैं।
जून 2021 को बिम्सटेक का 24वां वार्षिक शिखर सम्मेलन सम्पन्न हुआ तथा जून 2022 को इसकी स्थापना के 25 वर्ष पुरे होंगे। 6 जून को 24वें बिम्सटेक दिवस पर भारत के प्रधानमन्त्री ने कहा कि फ्बिम्सटेक एक आशाजनक क्षेत्रीय समूह के रूप में उभरा है और इसमें कनेक्टिविटी समेत कई क्षेत्रों में प्रगति की है।य्
उद्देश्य
बिम्सटेक के सिद्धांत
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सहयोग के क्षेत्रः यह संगठन व्यापार और निवेश, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, परिवहन और संचार, पर्यटन, मत्स्य पालन, कृषि, सांस्कृतिक सहयोग, पर्यावरण और आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, लोगों के बीच आपसी संपर्क, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटना तथा जलवायु परिवर्तन से सम्बन्धित क्षेत्रों में परस्पर सहयोग करता है।
महत्त्वः यह संगठन दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के मध्य एक सेतु की भांति कार्य करता है तथा सार्क और आसियान के सदस्यों के बीच अंतर-क्षेत्रीय सहयोग हेतु मंच प्रदान करता है। संगठन में सदस्य देशों की जनसंख्या लगभग 1-5 अरब है जो वैश्विक आबादी का लगभग 22% है। दुनिया के कुल व्यापार का एक-चौथाई हिस्सा प्रतिवर्ष बंगाल की खाड़ी से होकर गुजरता है। बंगाल की खाड़ी में विशाल अप्रयुक्त (बिना इस्तेमाल हुए) प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं।
भारत हेतु महत्वः यह आशियान देशों के साथ सम्बन्ध बनाने के साथ-साथ न केवल दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ता है, बल्कि महान हिमालय और बंगाल की खाड़ी की पारिस्थितिकी तंत्र को भी जोड़ता है।
महत्त्वपूर्ण परियोजनाएं
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चुनौतियाँ