सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UPH)

भारत में टीकाकरण कार्यक्रम को वर्ष 1978 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने ‘टीकाकरण के विस्तारित कार्यक्रम’ के रूप में शुरू किया था। यह विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है। वर्ष 1985 में टीकाकरण कार्यक्रम को सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम’ (यूआईपी) के रूप में संशोधित किया गया, ताकि वर्ष 1989 से वर्ष 1990 तक देश के सभी जिलों को कवर करने के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जा सके।

टीकाकरण

बीसीजी बेसिल कालमेट-ग्युरिन (बीसीजी) यह शिशुओं को ट्यूबरक्युलर मेनिंगजाइटिस और संचारित टीबी से बचाने के लिए दिया जाता है। बीसीजी का टीका जन्म पर या एक वर्ष तक जितनी जल्दी संभव हो उतनी जल्दी दिया जाता है।

  • ओपीवीः ओपीवी का तात्पर्य ओरल पोलियो वैक्सीन है। यह बच्चों को पोलियोमेलाइटिस से बचाता है।
  • हेपेटाइटिस बी टीकाकरणः हेपेटाइटिस बी का टीका हेपेटाइटिस बी वायरस संक्रमण से बचाता है। हेपेटाइटिस बी का टीका जन्म पर या चौबीस घंटों के भीतर जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी दिया जाता है। इसके बाद तीन खुराके छः, दस और चौदह सप्ताह में डीपीटी और हिब के संयोजन में पेंटावैलेंट वैक्सीन के रूप में में दी जाती है।
  • पेंटावैलेंट वैक्सीनः पेंटावैलेंट वैक्सीन पांच रोगों- डिप्थीरिया, टेटनस, पर्टुसिस (काली खांसी), हीमोफिलस इन्फ्रलुएंजा टाइप बी, हेपेटाइटिस बी से बच्चों को बचाने वाली संयुक्त वैक्सीन है। तीन खुराकें छः, दस और चौदह सप्ताह की आयु (एक वर्ष की उम्र तक दिया जा सकता है) में दी जाती हैं।
  • रोटा वायरस वैक्सीनः आरवीवी का तात्पर्य रोटा वायरस वैक्सीन है। यह रोटा वायरस डायरिया के खिलाफ शिशुओं और बच्चों को सुरक्षा प्रदान करता है। यह चुनिंदा राज्यों में दिया जाता है। वैक्सीन की तीन खुराकें छः, दस, चौदह सप्ताह की उम्र में दी जाती है।
  • न्यूमोकॉकस संयुग्म टीकाकरणः पीसीवी का तात्पर्य न्यूमोकोकल संयुग्म टीकाकरण (पीसीवी) है। यह शिशुओं और छोटे बच्चों को बैक्टीरिया स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया के कारण होने वाली रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है।
  • मीजल्स (खसरा)/एमआर वैक्सीनः बच्चों को मीजल्स से बचाने के लिए मीजल्स वैक्सीन का उपयोग किया जाता है। कुछ राज्यों में मीजल्स और रूबेला संक्रमण से बचाव के लिए मीजल्स और रूबेला की संयुक्त वैक्सीन दी जाती है।
  • जेई टीकाकरणः यह जापानी इन्सेफेलाइटिस रोग के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
  • टीटीः टेटनस टोक्सॉयड वैक्सीन का उपयोग टेटनस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है।
  • गर्भवती महिलाः गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं को टीटी-1 दिया जाता है और टीटी-2 को टीटी-1 के बाद चौथे सप्ताह में दिया जाता है। यदि गर्भवती महिला पिछले 3 वर्षों में टीटी के 2 टीके लगवा चुकी है, तो उसे इस गर्भावस्था के दौरान केवल बूस्टर टीटी का टीका ही लगवाया जाना चाहिये।