सितंबर, 2019 को भारतीय रक्षा मंत्री द्वारा औपचारिक रूप से हमलावर पनडुब्बी (Submarine) आईएनएस खंडेरी द्वितीय (2nd INS Khanderi) को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया, जो स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी है। भारतीय नौसेना के अनुसार, आईएनएस खंडेरी का निर्माण प्रोजेक्ट 75 नामक एक कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया है, यह सबसे शक्तिशाली प्लेटफार्म पर बनी पनडुब्बी है। इसका निर्माण भारत के मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा किया गया है। 28 सितंबर, 2019 को पी-17 शिवालिक श्रेणी वाले फ्रिगेट (frigate)-आईएनएस नीलगिरि को आधिकारिक रूप से नौसेना में शामिल किया गया। 2,650 टन वजन वाले, आईएनएस नीलगिरि को एकीकृत निर्माण पद्धति का उपयोग कर बनाया गया है। P17A फ्रिगेट तकनीक के अंतर्गत नई डिजाइन वाली अवधारणाओं को शामिल किया गया है; जो इस पनडुब्बी को लंबे समय तक समुद्र की निगरानी करने तथा जहाज को गतिशील रखने में सहायक सिद्ध होगी।
भारतीय नौसेना के पहले विमान-वाहक ड्राई डॉक (dry dock) का उद्घाटन 28 सितंबर को मुंबई में किया गया। इस एयरक्राफ्ट कैरियर डॉक (ACD) का निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में किया गया। इस ड्राई डॉक में 90,000 टन तक के भार वाले आईएनएस विक्रमादित्य को समायोजित करने की क्षमता है। यह भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा ड्राई डॉक है। कैरियर डॉक 281 मीटर लंबा, 45 मीटर चौड़ा और 17 मीटर गहरा है। ड्राई डॉक में कई युद्धपोतों को मरम्मत हेतु रखने के लिए एक किमी. से अधिक जगह है। ड्राई डॉक को केवल 2.5 घंटों में पूरी तरह से खाली किया जा सकता है तथा इसे 1.5 घंटे में भरा जा सकता है।