देश में लौह अयस्क और मैंगनीज के अवैध खनन के मुद्दे का अध्ययन करने एवं तत्संबंधी सुझाव के लिए 2010 में केंद्रीय खान मंत्रालय द्वारा शाह आयोग का गठन किया गया था। इस समिति ने अक्टूबर 2013 में अपनी पहली रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस रिपोर्ट में ओडिशा में लौह और मैंगनीज अयस्कों के अवैध खनन के एक प्रकार का घोटाला सामने आया। ओडिशा के दो जिले, क्योंझर और सुंदरगढ़ अवैध खनन से अधिक प्रभावित हैं।
पर्यावरण और वन कानूनों, नियमों और अधिसूचना का बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया जाता है। अधिकांश पट्टे धारकों ने पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना का उल्लंघन किया और पर्यावरण मंजूरी के बिना संचालित किया।
आयोग ने माल ढुलाई, झूठे आबकारी प्रमाण-पत्रों का भी पता लगाया और सिफारिश की कि रेलवे को सीबीआई से इसकी जांच करानी चाहिए।
आयोग ने सिफारिश की कि भविष्य के खनन पट्टों को केवल नीलामी मार्ग के माध्यम से प्रदान किया जाना चाहिए।