भारतीय जंगलों में बड़ी संख्या में लोग (ज्यादातर जनजाति / आदिवासी) निवास करते हैं। वन भूमि पर अधिकारों को लेकर सरकार और इन लोगों के बीच संघर्ष की स्थिति है। सरकार भूमि वनों का संरक्षण करना चाहती है, जबकि आदिवासी वन भूमि को अपनी आजीविका मानते हैं।
मुद्दा
अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए कोई पर्याप्त बजट आवंटन नहीं हुआ है। केंद्र और राज्य सरकारों को अधिनियम के समुचित क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए उपरोक्त कमियों को दूर करना होगा; जिससे आदिवासियों पर वन अधिकारों को मान्यता मिल सके और अतिक्रमणकारियों को बाहर निकाला जा सके।