REN-21 सरकारों, गैर सरकारी संगठनों, उद्योग आदि का एकमात्रा वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा समुदाय है।
निष्कर्ष
आज, अक्षय ऊर्जा भारतीय अर्थव्यवस्था के तीन महत्वपूर्ण लक्ष्यों को संतुलित करता हैः विकास की तीव्र गति, प्रदूषण से निपटना और जलवायु परिवर्तन पर हमारी वैश्विक प्रतिबद्धताओं को पूरा करना।
पेरिस समझौते में भारत ने 2030 तक अपने कुल बिजली उत्पादन का 40% गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की रणनीतिक खाका, 2027 के अनुसार, भारत का लक्ष्य नवीकरणीय ऊर्जा से 275 गीगावॉट बिजली प्राप्त करना है, जिसमें 72 गीगावॉट पनबिजली, 15 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा और "अन्य शून्य उत्सर्जन" स्रोतों से लगभग 100 गीगावॉट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
अतः यह क्षेत्र नीतिगत केंद्र में है और भारत सरकार उपलब्ध क्षमता का दोहन करने के लिए कई कदमों को उठा रही है। हालांकि, अभी तक आत्मसंतुष्ट होने के बदले, हमें उन क्षेत्रों की पहचान करने की आवश्यकता है, जहां अभी भी कमी है। रणनीतिक हस्तक्षेपों के माध्यम से जल्द से जल्द उन कमियों को दूर करने की आवश्यकता है।