देश में बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए भारत सरकार ने 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर आरंभ किया था। इसी प्रयास के तहत टाइगर रिजर्व बनाए गए। 1973-74 में जहां केवल 9 टाइगर रिजर्व थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 50 हो गई है। पर्यावरण मंत्रालय ने 2005 में नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) का गठन किया, जिसको प्रोजेक्ट टाइगर के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई।
जैव विविधता का महत्व जैव विविधता के महत्वपूर्ण होने के पीछे तर्क है कि यह पारिस्थितिकीय प्रणाली के संतुलन को बनाकर रखती है। विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी तथा वनस्पति एक-दूसरे की जरूरतें पूरी करते हैं, साथ ही ये एक-दूसरे पर निर्भर भी है। उदाहरण के तौर पर मनुष्य जो अपनी मूलभूत आवश्यकता जैसे खाने, रहने के लिए वह भी पशु, पेड़ और अन्य तरह की प्रजातियों पर आश्रित है। हमारी जैव विविधता की समृद्धि ही पृथ्वी को रहने के लिए तथा जीवन यापन के लायक बनाती है।
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