2012 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा 1989 से 2012 तक महिलाओं की स्थिति के मूल्यांकन के उद्देश्य से समिति का गठन किया गया था। इसकी अध्यक्षता पाम राजपूत ने किया था, जो पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे।
इस समिति ने निकायों को निम्नलिखित सुझाव भी दिएः
महिलाओं के सशक्तिकरण पर संसदीय समितिः इसे महिलाओं से सम्बंधित एवं संसद में प्रस्तावित सभी विधानों का अध्ययन और परीक्षण करना होगा।
राष्ट्रीय महिला आयोग (महिलाओं के लिए सर्वोच्च निकाय): इसे महिलाओं के मामलों में ‘प्रतिक्रियात्मक हस्तक्षेप’से बढ़कर उसे नीतियों, कानूनों, कार्यक्रमों और बजटों का अध्ययन और अनुशंसा करना चाहिए, ताकि महिलाओं को वास्तव में लाभ मिल सके।