FCPF सरकारों, व्यवसायों, नागरिक समाज और देशी जनों (इंडिजिनस पीपल्स) की एक वैश्विक भागीदारी है, जो देशों के REDD+ प्रयासों में वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान कर मदद करती है।
FCPF के पास दो अलग-अलग, किंतु एक-दूसरे के पूरक वित्तपोषण के तरीके हैं- ‘तत्परता निधि’ (Readiness Fund) और ‘कार्बन निधि’ (Carbon Fund), जो विभिन्न देशों की सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों और निजी कंपनियों के योगदान से चलते हैं।
FCPF का गवर्नेंस वर्तमान में 47 REDD+ देशों के सहयोग से चलता है, जिसमें 18 भागीदार देश अफ्रीका से, 18 लैटिन अमेरिका व कैरिबियाई देशों से और शेष 11 एशिया के विकासशील देशों से हैं। देशों की यह भागीदारी ‘भागीदारी सभा’ (Participants Assembly) और ‘भागीदारी समिति’ (Participants Committee) के प्रभावी और व्यापक गवर्नेंस ढांचे के अनुरूप चलती है।
भागीदारी समिति (जिसका चुनाव प्रत्येक आयोजित होने वाले भागीदारी सभा के सम्मेलन में उनके सदस्य करते हैं) FCPF का मुख्य निर्णायक निकाय है।
भागीदारी समिति में यदि 14 REDD+ समूह के देशों के सदस्य होते हैं, तो उतनी ही संख्या में वित्तीय सहायक समूहों के भी सदस्य होते हैं। इसके अलावा ‘पर्यवेक्षक’ (Observer) समूहों के देशी जन, नागरिक समाज, अंतरराष्ट्रीय संगठन, UN-REDD कार्यक्रम, UNFCCC सचिवालय और निजी क्षेत्रक शामिल किये जाते हैं।
विश्व बैंक को इसका संचालनकर्ता माना गया है। विश्व बैंक के साथ-साथ ‘इंटर-अमेरिकन विकास बैंक’ और ‘संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम’ (UNDP) रेडीनेस फंड के अंतर्गत वितरक समूह हैं।