गैर संचारी रोग के निवारण एवं नियंत्रण कार्यक्रम

गैर संचारी रोगों के बढ़ते बोझ और प्रमुख पुरानी गैर संचारी बीमारियों के समान जोखिम घटकों को देखते हुए, भारत सरकार ने कैंसर, मधुमेह, सीवीडी (कार्डियोवैस्कुलर डिजिजीज) और स्ट्रॉक (एनपीसीडीएस) के निवारण और नियंत्रण के लिए एकीकृत राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रारंभ किया है।

  • इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य प्रोत्साहन और रोग निवारण, मानव संसाधनों सहित बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने, शीघ्र निदान और प्रबंधन तथा विभिन्न स्तरों पर एनसीडी सेल्स की स्थापना के जरिये प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के साथ एकीकरण पर ध्यान केन्द्रित किया गया है ताकि अनुकूलतम प्रचालनगत सहक्रियाशीलता हासिल की जा सके। पहले से जारी राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम को एनपीसीडीसीएस के साथ एकीकृत किया जा रहा है।
  • यह कार्यक्रम 21 राज्यों में फैले 100 जिलों में कार्यान्वित किया जा रहा है। 2010-11 और 2011-12 के दौरान 1230.90 करोड़ रुपये (499.38 करोड़ रुपये मधुमेह, सीवीडी और स्ट्रॉक के लिए तथा 731.52 करोड़ रुपये कैंसर नियंत्रण के लिए) का परिव्यय निर्धारित किया गया, जिसमें से केन्द्र और राज्यों के बीच लागत में भागीदारी 80: 20 के अनुपात में तय की गयी।
  • इन जिलों का चयन उनके पिछड़ेपन, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच के अभाव और खराब स्वास्थ्य संकेतकों के आधार पर किया गया।

एनपीसीडीसीएस के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली सेवाएं

इन गैर संचारी रोगों के लिए प्रमुख जोखिम घटकों में उच्च रक्तचाप, कॉलेस्ट्रोल, तम्बाकू का सेवन, अस्वास्थ्यकर भोजन, शारीरिक निष्क्रियता, शराब का सेवन और मोटापा हैं, जिनमें सुधार किया जा सकता है।

  • अतः कैंसर और सीवीडी के अधिसंख्य मामलों को रोका जा सकता है तथा शीघ्र निदान होने की स्थिति में उनका उपचार भी किया जा सकता है।
  • पुराने गैर संचारी रोगों के निवारण और स्वास्थ्य प्रोत्साहन की समस्याओं का समुचित समाधान देश की स्वास्थ्य प्रणाली में अभी किया जाना है।
  • वर्तमान में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्थाओं में इन रोगों की देखभाल का अपेक्षित स्तर प्रदान करने के लिए उपाचार सेवाएं भी पर्याप्त नहीं है।
  • इसलिए एनपीसीडीसीएस के अंतर्गत कार्यान्वित किए जाने के लिए समुचित कार्य नीतियां तय की गयी हैं ताकि गैर संचारी रोगों की रोकथाम और कारगर ढंग से उनका प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।

अमृत

  • रोगियों के लिए रियायती कीमतों पर मधुमेह, सीवीडी, कैंसर और अन्य रोगों के लिए दवाएं उपलब्ध कराने के लिए 19 राज्यों में 105 फार्मेसियों की स्थापना की गई है। 5,000 से अधिक दवाओं और अन्य उपभोग्य वस्तुएं 50% छूट तक बेची जा रही है।