एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध की पहचान समस्या के रूप में की है तथा प्रभावी कार्रवाई जैसे कि एंटीबायोटिक के उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देशों तैयार करना, पर्ची के बिना एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग को सीमित करना, पशु-मवेशियों के विकास के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग को प्रतिबंधित या अवैध घोषित करना और फार्माकोविजिलेंस सहित अस्पताल या समुदाय में एंटीबायोटिक के उपयोग को लेकर सतर्कता बरतना चाहिए। भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ के संयुक्त तत्वाधान में फरवरी वर्ष 2016 एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य एंटीमिक्रोबियल दवावों का बुद्धिमत्ता पूर्ण उपयोग ताकि चुनौतियों स्वास्थ्य प्राथमिक को सामना आसानी से किया जा सके।