खनिज संरक्षण और विकास नियम, 2017 अन्वेषण योजना के कार्यान्वयन की समयसीमा तय करता है। यह आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आईबीएम (भारतीय खान ब्यूरो) के साथ मिलकर तैयार किया गया है।
दस्तावेजों में उल्लिखित नियमों के अनुसार, ये नियम पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस को छोड़कर, सभी खनिजों पर लागू होंगे, जिसमें कोयला, लिग्नाइट, मामूली खनिज आदि शामिल हैं।
राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा इन नियमों में से किसी भी प्रावधान का विस्तार कर सकती है।
लघु खनिजों के अलावा अन्य खनिजों के संबंध में केंद्र सरकार या भारतीय खान ब्यूरो द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियां और जिम्मेदारियां राज्य सरकार या खनन और भूविज्ञान निदेशालय या राज्य सरकार के अधीनस्थ किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा प्रयोग की जाएगी। लघु खनिजों के लिए इन नियमों के प्रयोग का विस्तार राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किया जा सकता है।
नीलामी की प्रक्रिया को उचित समय पर शुरू करने की आवश्यकता है, ताकि इन पट्टों की अवधि समाप्त होने के कारण खनिज उत्पादन प्रभावित न हो।