अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) एक स्वायत्त अंतर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 1973-1974 के मध्य-पूर्व युद्ध संकट के दौरान 1974 में की गई थी। इसका मुख्यालय पेरिस में है।

  • वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों (नवीकरणीय ऊर्जा सहित), तर्कसंगत ऊर्जा नीतियों और बहुराष्ट्रीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ावा देने में अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की व्यापक भूमिका है। एजेंसी का जनादेश प्रभावी ऊर्जा नीति के "3E" (ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण) पर कार्य करती है।
  • IEA के सभी सदस्य देशों ने पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके दो तिहाई सदस्यों ने 2050 तक उत्सर्जन तटस्थता के प्रति प्रतिबद्धताएं व्यक्त की हैं। IEA के सतत विकास परिदृश्य में 2070 तक नेट-शून्य उत्सर्जन होने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

निष्कर्ष

सरकार तेल और गैस उत्पादन में आत्म-निर्भरता प्राप्त करने का लगातार प्रयास कर रही है। भारत सरकार देश भर में गैस पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार करने के लिए 2023 तक लगभग 5,000 संपीड़ित बायो गैस (CBG) संयंत्रा स्थापित करने और 70,000 करोड़ रुपये (US$ 9.97 बिलियन) का निवेश करने की योजना पर कार्य कर रही है। निरंतर आर्थिक विकास व ऊर्जा मांग तेजी से बढ़ने का के कारण वैश्विक ऊर्जा मांग के प्रतिशत के रूप में भारत की ऊर्जा मांग 2018-19 के लगभग 6 प्रतिशत से बढ़कर 2040 में 11 प्रतिशत होने की उम्मीद है। ऊर्जा की बढ़ती मांग को समायोजित करने के लिए नए नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के दोहन का प्रयास एक बेहतर कदम है।