इस रिपोर्ट के अनुसार भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी वैज्ञानिक और तकनीकी जनशक्ति वाला देश है। भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी देशों में सातवें स्थान पर है, नैनो तकनीक पर शोध में भारत दुनियाभर में तीसरे स्थान पर है। वैश्विक अनुसंधान एवं विकास खर्च में भारत की हिस्सेदारी 2017 के 3.70 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 3.80 प्रतिशत हो गई।
मौसम पूर्वानुमान एवं निगरानी के लिये ‘प्रत्युष’ नामक शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर बनाकर भारत इस क्षेत्र में जापान, ब्रिटेन और अमेरिका के बाद चौथा प्रमुख देश बन गया है। भारत एक वैश्विक अनुसंधान एवं विकास हब के रूप में तेजी से उभर रहा है। देश में मल्टी-नेशनल कॉर्पोरशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट केंद्रों की संख्या 2010 में 721 से बढ़कर 2018 में 1,150 तक पहुँच गई है।