11 फरवरी, 2019 को ‘नेचर सस्टेनिबिलिटी’ (Nature Sustainability) में प्रकाशित नासा के उपग्रही आंकड़ों पर आधारित अध्ययन के अनुसार वैश्विक धारणा के विपरीत भारत और चीन वैश्विक हरियाली (Global Greenery) में सर्वाधिक योगदान कर रहे हैं और दुनिया 20 साल पहले की तुलना में ज्यादा हरियाली से परिपूर्ण है।
मुख्य विशेषताएं
2000 के शुरुआती वर्षों की तुलना में अब प्रतिवर्ष 5% की वृद्धि के साथ लगभग 55 लाख वर्ग किमी. अतिरिक्त हरी पत्ती वाला क्षेत्र है, लेकिन यह ज्यादातर चीन और भारत में गहन भू-उपयोग के कारण हुआ है।
हरित आवरण के कई कारक पिछले दो दशकों में सभी अमेजन वर्षा वनों द्वारा कवर किए गए क्षेत्र के बराबर पौधों और पेड़ों के पर्ण क्षेत्र में वृद्धि हुई है। 1990 के दशक के मध्य में हरियाली का पहली बार पता चला था; तब वैज्ञानिकों ने माना कि वातावरण में अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड द्वारा पौधों को निषेचित किया जा रहा है और एक गर्म, आर्द्र जलवायु द्वारा बढ़ाया जाता है, लेकिन वे यह नहीं जानते थे कि मानव द्वारा खेती और वानिकी का इसमें योगदान था या नहीं। |