8 अक्टूबर, 2019 को जॉन गुडएनफ (John Goodenough), एम. स्टेनली व्हिटिंघम (M.K Stanley Whittingham) तथा अकीरा योशिनो (Akira Yoshino) को रिचार्जेबल (rechargeable) लिथियम-आयन (lithium-ion) बैट्री विकसित करने के लिए रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारतीय वैज्ञानिक समर बसु ने इस व्यावहारिक लिथियम आयन बैट्री के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गुडएनफ ने कैथोड वाली बैट्री में लिथियम कोबाल्ट ऑक्साइड (lithium cobalt oxide) का उपयोग किया, जो पुराने रिचार्जेबल बैट्री से लगभग दो गुनी शक्तिशाली थी।
योशिनोए ने बैट्री निर्माण के लिए तेल उद्योग के एक उप-उत्पाद का पेट्रोलियम कोक (petroleum coke) उपयोग किया। पेट्रोलियम कोक को जब इलेक्ट्रॉनों के साथ आवेशित किया जाता है तो धातु से लिथियम आयन प्राप्त होता है। इस धातु से बने बैट्री को चालू किया गया तो कैथोड में इलेक्ट्रॉनों एवं लिथियम आयन का बहाव कोबाल्ट ऑक्साइड की ओर था।