वर्ष 2015 में इस आयोग का गठन गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू समुदायों की आने वाली समस्याओं का अध्ययन करने और इन समुदायों के मुद्दों को दूर करने के उपायों पर सुझाव देने के लिए किया गया। इसने 2018 रेणुके आयोग (2008) की सिफारिशों के अधार पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
आयोग की प्रमुख सिफारिशें-