12 जनवरी, 2019 को राष्ट्रपति ने संविधान संशोधन (103वां संशोधन) अधिनियम, 2019 (124वां संविधान संशोधन विधेयक) को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह अधिनियम आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (Reservation for Economically Wekaer Sections - EWS) को सरकारी नौकरियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है।
इंदिरा साहनी बनाम सर्वोच्च न्यायालय वर्ष 1992 के इंदिरा साहनी वाद में सर्वोच्च न्यायालय के नौ न्यायाधीशों की एक संवैधानिक बेंच ने इस विषय में विचार किया था कि क्या किसी पिछड़े वर्ग की पहचान मात्र आर्थिक मापदंड पर की जा सकती है अथवा नहीं? उस समय यह स्पष्ट रूप से आदेश दिया गया था कि किसी पिछड़े वर्ग का निर्धारण केवल आर्थिक मापदंड पर नहीं किया जा सकता और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10% आरक्षण की मांग से संबंधित एक प्रावधान को निरस्त कर दिया था।
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