फरवरी, 2018 में केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, सुरक्षा और पुनर्वास) विधेयक, 2018 को लोकसभा में पेश करने की स्वीकृति दी गयी। मानव तस्करी बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाला तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है। इस अपराध से निपटने के लिए अभी तक कोई विशेष कानून नहीं है।
इस विधेयक की निम्नलिखित प्रमुख विशेषताएं