नीति आयोग ने सितम्बर, 2017 को राष्ट्रीय पोषण रणनीति जारी की, जिसमें मानवीय विकास को बढ़ावा देने, गरीबी में कमी लाने का सुझाव दिया है तथा आर्थिक विकास के लिहाज से पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया है।
मुख्य तथ्य
यह रणनीति बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत में प्रति तीन बच्चों में से एक बच्चा कुपोषित है। हरित क्रांति के जनक और प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एम-एस- स्वामीनाथन ने कहा है कि जीवन-चक्र दृष्टिकोण के आधार पर एक पोषण रणनीति होना जरूरी है, जो जन्म से मृत्यु तक पोषण की जरूरतों को ध्यान में रखे।
पोषण रणनीति में चार निर्धारक तत्वों- स्वास्थ्य सेवाएं, खाद्य पदार्थ, पेय जल और साफ-सफाई तथा आय एवं आजीविका पर बल दिया गया है।