भारत की विदेश मंत्री, सुषमा स्वराज 10-11 मई 2018 को म्यांमार की यात्रा पर गई। यात्रा के दौरान सात समझौतों/समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें (i) भूमि सीमा पार करने पर समझौता, (ii) बागान में भूकंप से क्षतिग्रस्त पैगोडों के पुनरुद्धार और संरक्षण पर समझौता ज्ञापन, (iii) संयुक्त युद्धविराम निगरानी समिति को सहायता पर समझौता ज्ञापन, (iv) म्यांमार विदेश सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण पर समझौता ज्ञापन, (v) मोनीवा में औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (आईटीसी) की स्थापना पर समझौता ज्ञापन, (vi) थेटान आईटीसी पर समझौता ज्ञापन और (vii) आईटीसी मिंग्यान के रख-रखाव अनुबंध को बढ़ाने पर पत्रें का आदान-प्रदान शामिल हैं।
भूमि सीमा पार करने पर समझौता दोनों देशों के बीच के द्विपक्षीय संबंधों का एक ऐतिहासिक बिंदु है, यह दोनों देशों के लोगों को पासपोर्ट और वीजा के साथ भूमि सीमा पार करने में सक्षम करता है, जिसमें स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं, तीर्थयात्रा और पर्यटन का उपयोग शामिल है। बागान में पैगोडों के पुनरुद्धार पर समझौता ज्ञापन दोनों देशों के बीच के स्थायी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित करता है। तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण पर अन्य समझौता ज्ञापन इस देश की निजी विकास योजनाओं और प्राथमिकताओं के अनुसार म्यांमार के लिए भारत के निरंतर समर्थन को दर्शाते हैं।