हाल ही में ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ (सीएमआईई) की रिपोर्ट के अनुसार देश में बेरोजगारी की दर 27 महीनों में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। विश्व बैंक ने भी कहा है कि बेरोजगारी पर काबू पाने के लिए भारत को हर साल 81 लाख नौकरियां सृजित करने की जरूरत है।
हर साल बढ़ रही बेरोजगारीः 1.86 करोड़ अनुमानित बेरोजगार भारत में 2018 में हैं। 30,000 बेरोजगारों की संख्या और बढ़ने का अनुमान 2019 में है। बेरोजगारी दर पिछले तीन साल से 3.5 प्रतिशत रही।
शिक्षित होने के बावजूद बेरोजगार: देश में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की बढ़ती संख्या भी चिंता का विषय बनती जा रही है। अजीज प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा किए गए शोध के मुताबिक 2011 से 2016 के बीच देश में स्नातक की डिग्रीधारक बेरोजगारी की दर 4.1 प्रतिशत से बढ़कर 8.4 फीसदी तक पहुंच गई है।
संगठित क्षेत्र में रोजगार बहुत ही कम: 81 फीसदी भारतीय गैर संगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं। 6.5 प्रतिशत कर्मी ही संगठित क्षेत्र के रोजगार से जुड़े हुए हैं और 0.8 फीसदी घरेलू सेक्टर में काम कर रहे हैं।