पिछले कुछ वर्षों में एक के बाद एक ऐसी परिस्थितियां बनती गई, जिससे भारत-नेपाल के बीच कड़वाहट आई। मजबूरन नेपाल को चीन की तरफ झुकना पड़ा। चीन ने इसका फायदा उठाते हुए वहां तेजी से निवेश किया।
चीन से बेहद निकटता के बावजूद ओली ने भारत के महत्व को कम करके नहीं देखा। नेपाल को अहसास है कि भारत से बेहतर संबंध बनाए बगैर नेपाल में स्थायी शांति और आर्थिक विकास संभव नहीं है। उनका मानना है कि नेपाल के नवनिर्माण के लिए चीन और भारत दोनों की जरूरत है। इसलिए वह एक संतुलन बनाकर रखना चाहते हैं। भारत ने भी नेपाल के प्रति अपना नजरिया बदलने की जरूरत महसूस की है।
इसी को ध्यान में रखते हुए भारत के प्रधानमंत्री ने 11-12 मई, 2018 को नेपाल की यात्रा की तथा अप्रैल 2018 में नेपाली प्रधानमंत्री ने भारत का दौरा किया।